मलयालम सिनेमा के महान पार्श्व गायक पी. जयचंद्रन का 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अपनी मधुर आवाज और गहरे भावपूर्ण गायन के लिए मशहूर जयचंद्रन ने संगीत की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। जिस तरह से उन्होंने अपनी मधुर आवाज से देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया, लेकिन आज वह हमारे बीच नहीं हैं, यह हमारे भारत के लिए बहुत ही भावुक क्षण बन जाता है।
जब से लोगों को उनके निधन के बारे में पता चला है तब से फिल्म इंडस्ट्री के साथ-साथ म्यूजिक इंडस्ट्री में भी शोक का माहौल है, जिसके चलते लोग सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा कर रहे हैं और लोग एक दूसरे को सोशल मीडिया के जरिए उनके बारे में कई अच्छी बातें भी बता रहे हैं।
संगीत में योगदान
पी. जयचंद्रन ने अपने करियर में हजारों गाने गाए, जिनमें मलयालम, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ जैसी भाषाओं के गाने शामिल हैं। उनकी आवाज का क्रेज इस कदर था कि जब लोगों को पता चलता था कि उनका कोई नया गाना रिलीज होने वाला है तो वे उसकी एडवांस बुकिंग करा लेते थे और यह बुकिंग 1 महीने से 3 महीने पहले तक हो जाती थी।
- उन्हें “मलयालम सिनेमा का स्वर सम्राट” भी कहा जाता था।
- उनके गाने न केवल लोकप्रिय हुए बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया।
- जयचंद्रन ने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते, जिनमें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और राज्य फिल्म पुरस्कार शामिल हैं।
- उन्होंने संगीत की शिक्षा अपने माता-पिता से प्राप्त की और युवा उम्र में ही गायक के रूप में अपनी पहचान बनाई।
- उनके करियर की शुरुआत 1960 के दशक में हुई और जल्द ही उन्होंने दक्षिण भारतीय सिनेमा में अपनी जगह बना ली।
पी. जयचंद्रन के सबसे प्रसिद्ध गाने
उनके गाए कुछ गाने तो ऐसे हैं कि दुनिया आज भी उनकी दीवानी है। तो चलिए एक नजर डालते हैं उस गाने पर कि आखिर कौन सा है वो गाना जिसे आज भी दुनिया बड़े प्यार से सुनती है और ये गाना उनकी जिंदगी के सबसे खास गानों में से एक है।
- रामनिलवेयिल (मलयालम)
- सुधा धन्यया (तेलुगु)
- आनंदम आनंदम (तमिल)
- मूंडरू मुदिचु (तमिल)
इन गानों ने जयचंद्रन को सदाबहार गायक के रूप में स्थापित किया।
प्रशंसकों और फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर
जयचंद्रन के निधन की खबर से संगीत प्रेमियों और फिल्म इंडस्ट्री को गहरा सदमा लगा है। इससे पूरी इंडस्ट्री शोक की लहर में है। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के कई प्रमुख कलाकारों और संगीतकारों ने उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने उनके गानों और यादों को साझा कर भावुक श्रद्धांजलि दी।
पी. जयचंद्रन का निधन भारतीय संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी आवाज और उनके गाने हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।